Resistance 

किसी भी विधुत परिपथ मे जो धारा प्रवाह का विरोध करता है, जो धार का प्रवाह होने से रोकता है, अर्थात जो धार को परिपथ मे वहने से रोकता है। प्रतिरोध कहलाता है। 



प्रतिरोध को मापने के लिए इकाई (unit) ओम(Ω) का उपयोग करते है। 

ओम (Ω) के बारे मे बात करे तो यह ग्रीक अक्षर ओमेगा (Omega) का प्रतीक है। जो की एक भोटिक विज्ञानी(Physicist) "Georg Simon Ohm" के नाम पर रखा गया था। Georg simon ohm का जन्म सन (1784) German मे हुआ था। जो की सन 1854 तक रहे। 

इन्होंने यानि Georg Simon Ohm ने Voltage, Corrent,और Resistance के बीच मे संबंधों का अध्ययन किया था। 

ओम (Ω)  का नियम भी इन्ही के द्वारा बनाया गया था।  

Electric Resistance विधुत प्रतिरोध का Symbol नीचे फोटो मे दिखाया गया है। 


Ohm's law

Ohm's law के अनुसार किसी भी चालक(Conductor) के पार Voltage सीधे सीधे प्रवाहित होने वाली धारा के समानुपाती होता है। पर इसकी भी कुछ सरते है, जैसे की चालक (Conductor) की सभी भौतिक स्थितियाँ और तापमान स्थिर होने चाहियें। 

V=IR




प्रतिरोध के नियम(Law of Resistance)

प्रतिरोध के मुख्य प्रकार के नियम जो निम्नलिखित है।  



1. प्रतिरोध (Resistance) के पहले नियम के अनुसार किसी चालक पदार्थ (conductor material) का प्रतिरोध (Resistance) उसकी लंबाई के समानुपाती होता है, बशर्ते चालक पदार्थ का तापमान (Temperature) और अन्य भौतिक स्थितियाँ अपरिवर्तित(same) समान रहे। इसका अर्थ है कि अगर यदि चालक पदार्थ की लंबाई बढ़ती है, तो चालक का प्रतिरोध भी बढ़ता है और यदि चालक की लंबाई घटती है, तो चालक का प्रतिरोध भी कम हो जाता है। 
R
 

2. प्रतिरोध (Resistance) के दूसरे नियम के अनुसार किसी चालक का अनुप्रस्थ काट के  छेत्रफल के व्युत्क्रमअनुपाती होता है, बशर्ते चालक पदार्थ का तापमान (Temperature) और अन्य भौतिक स्थितियाँ अपरिवर्तित(same) समान रहे। इसका अर्थ है की यदि चालक का अनुप्रस्थ काट छेत्रफल(Area) बढ़ेगा तो चालक का प्रतिरोध घटेगा कम होगा और यदि अनुप्रस्थ काट छेत्रफल(Area) घटेगा काम होगा तो चालक का प्रतिरोध बढ़ेगा। 



3. प्रतिरोध (Resistance) के तीसरे नियम के अनुसार प्रतिरोध (Resistance) चालक (conductor) के सामग्री(material) की प्रकर्ति(Nature) निर्भर करता है। इसका अर्थ यह है की, हम जानते है, की हर एक पदार्थ का अपना Resistance होता है। जैसे की लोहा का अपना Resistance होता है, Copper की प्रतिरोधकता Resistivity(ρ Meter) मे 20 digree celsius पर (1.68(x10-8) ,aluminium की Resistivity(ρ Meter) मे 20 digree celsius पर(2.65(x10-8) आदि सबका अलग अलग Resistance होता है। और यह Fix होता है। जो की इस Fix Value से कम नहीं की जा सकती है।